Friday 21 March 2014

Durga Shaptashati Ke Prayog - दुर्गा सप्तशती के प्रयोग



Durga Shaptashati Ke Prayog - दुर्गा सप्तशती के प्रयोग 


दुर्गा शप्तशती आज के कलयुग में एक बहुत ही प्रभावी और तीव्र प्रभाव देने वाला चरित्र है इसको यदि समुचित तरीके से प्रयोग किया जाये तो एक व्यक्ति को उसके सभी प्रश्नों और समस्यायों का निवारण इसके श्लोकों में निहित है -!


मेरा अपना मानना तो ये हैं की इस पुस्तक कि जरुरत हर एक घर में है और साथ ही इसके विधानों कि जानकारी भी प्रत्येक मनुष्य के लिए आवश्यक है -!


लेकिन विधि का विधान भी बहुत बड़ा है - मैंने स्पष्ट देखा है कि यदि आपके भाग्य में कष्ट लिखा हुआ है तो सामने आपका समाधान लिए हुए कोई व्यक्ति खड़ा है और बार - बार दोहरा रहा है कि ऐसे कर लो तो समस्यायों से मुक्त हो जाओगे लेकिन आपके पास समय ही नहीं होता कि आप किसी कि बात सुन सकें या किसी विधान को कर सकें -!


आज का समाज इतना भौतिक हो गया है कि सभी खुश रहना चाहते हैं लेकिन खुद को खुश रखने के लिए जब प्रयास करने कि बारी आती है तो प्रतिनिधि तलाश करने लग जाते हैं जो उनके बदले कुछ ले देकर जो भी करना है कर दे और जिसका फल उन्हें मिल जाये -!


लेकिन कोई भी ये नहीं सोचता कि ऐसा कैसे सम्भव हो सकता कि करे कोई और पाये कोई और - इसलिए अपने लिए समय आप ही निकालें - इस दुनिया का नियम है और सबको पता भी है की जितनी मेहनत आप करेंगे - सुख भी उसका उतना ही आप भोगेंगे - इसलिए जहाँ जरुरत महसूस हो वहाँ अपने पुरोहित या जानकारों कि मदद अवश्य लें संकोच न करें - लेकिन जहाँ जरुरत न हो वहाँ हर विधान को खुद ही पूरा करने कि कोशिश करें - क्या पता आप जिस उद्देश्य से या जिस इच्छा कि पूर्ति के लिए धन देकर प्रतिनिधि खरीद रहे हैं वह प्रतिनिधि जिस विधान को करेगा तो उतनी आर्द्र भावना को व्यक्त करेगा भी या नहीं -!


फिर क्या होगा ? परिणाम भी उसी भावना के अनुसार मिलेगा ना क्योंकि किसी भी साधना या आराधना में भावना प्रधान होती है -!


नवरात्रों का आगमन होने ही वाला है इस क्रम में मैं कुछ विशिष्ट उपाय जो शप्तशती कि पुस्तक साथ रखकर किये जा सकते हैं वर्णित करने जा रहा हूँ - आशा करता हूँ कि माँ महामाया आप सबको उन्नति और समस्यारहित जिंदगी का वरदान अवश्य प्रदान करेंगी



दुर्गा सप्तशती से कामनापूर्ति :-

१. लक्ष्मी, ऐश्वर्य, धन संबंधी प्रयोगों के लिए पीले रंग के आसन का प्रयोग करें

२. वशीकरण, उच्चाटन आदि प्रयोगों के लिए काले रंग के आसन का प्रयोग करें

३. बल, शक्ति आदि प्रयोगों के लिए लाल रंग का आसन प्रयोग करें

४. सात्विक साधनाओं, प्रयोगों के लिए कुश के बने आसन का प्रयोग करें


५. वस्त्र- लक्ष्मी संबंधी प्रयोगों में आप पीले वस्त्रों का ही प्रयोग करें

६. यदि पीले वस्त्र न हो तो मात्र धोती पहन लें एवं ऊपर शाल लपेट लें

७. आप चाहे तो धोती को केशर के पानी में भिगोंकर पीला भी रंग सकते हैं

हवन करने से आपको ये लाभ मिलते हैं :- 

१. जायफल से कीर्ति 

२. किशमिश से कार्य की सिद्धि

३. आंवले से सुख और 

४. केले से आभूषण की प्राप्ति होती है।

इस प्रकार फलों से अर्ध्य देकर यथाविधि हवन करें

अ. खांड 

ब. घी 

स गेंहू 

ड. शहद 

य. जौ 

र. तिल 

ल. बिल्वपत्र 

व. नारियल 

म. किशमिश 

झ. कदंब से हवन करें

५. गेंहूं से होम करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है

६. खीर से परिवार वृद्धि 

७. चम्पा के पुष्पों से धन और सुख की प्राप्ति होती है

८. आवंले से कीर्ति 

९. केले से पुत्र प्राप्ति होती है

१०. कमल से राज सम्मान 

११. किशमिश से सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है

१२. खांड, घी, नारियल, शहद, जौं और तिल इनसे तथा फलों से होम करने से मनवांछित वस्तु की प्राप्ति होती है


विधि :-

व्रत करने वाला मनुष्य इस विधान से होम कर आचार्य को अत्यंत नम्रता के साथ प्रमाण करें और यज्ञ की सिद्धि के लिए उसे दक्षिणा दें। इस महाव्रत को पहले बताई हुई विधि के अनुसार जो कोई करता है उसके सब मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। नवरात्र व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।

नवार्ण मंत्र को मंत्रराज कहा गया है और इसके प्रयोग भी अनुभूत होते हैं :-

नर्वाण मंत्र :- 

।। ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।।

परेशानियों के अन्त के लिए :-

।। क्लीं ह्रीं ऐं चामुण्डायै विच्चे ।।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए :-

।। ओंम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।।

शीघ्र विवाह के लिए :-

।। क्लीं ऐं ह्रीं चामुण्डायै विच्चे ।।

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