Thursday, 24 September 2015

षट योगिनी - Shat Yogini - Six Yogini

षट योगिनी - Shat Yogini - Six Yogini



जैसा कि यह प्रश्न थोड़ा सा घुमावदार था - एवं अध्यात्मिक तथा तंत्र दोनों जगत से सम्बन्ध रखता है - जिस प्रकार तंत्र जगत के क्षेत्र में वाम मार्ग में षट कर्म प्रचलित हैं और प्रत्येक वाममार्गी साधक के लिए इनका विशेष महत्व होता है ठीक उसी प्रकार आध्यात्मिक जगत में योगिनी शब्द शब्द एक व्यापक महत्व रखता है - कोई भी शक्ति साधक योगिनी शक्ति और उनके प्रभाव से अछूता नहीं रह सकता - वास्तव में प्रश्न यह उठता है तब कि ( योगिनियां हैं क्या और शक्ति साधना में इनका क्या लेना-देना है ) ?


तो यहाँ इस बात का विवेचन आवश्यक हो जाता है - जिस प्रकार शैव सम्प्रदाय के लिए शिव अथवा रूद्र की कल्पना या पूर्णता द्वादश ज्योतिर्लिंगों के बिना पूर्ण नहीं समझी जाती है उसी प्रकार शाक्त सम्प्रदाय के लिए भी योगिनी महत्वपूर्ण हैं - जब आवरणपूजा की बात आती है तब योगिनी पूजन परम कर्म बनता है।


योगिनियां वास्तव में आद्य शक्ति जगदम्बा की सहचरियों अथवा सखियों के रूप में गणित होती हैं - इनकी संख्या अनेक ग्रंथों एवं उद्धवरणों के आधार पर भिन्न-भिन्न कही जाती है - किन्तु सर्वमान्य संख्या चतुःषष्टि (६४ ) मानी जाती है -!


जिसमे से षट योगिनी के भेद अलग हैं जो प्राणशक्ति से सम्बंधित हैं जिसे हम कुण्डलिनी शक्ति के नाम से भी जानते हैं - कुण्डलिनी शक्ति में भी विभिन्न मतों और विद्वानों के आधार पर अलग-अलग चक्र भेद कहे जाते हैं - किन्तु सर्वमान्य चक्र 7 माने जाते हैं - जिन्हे गूढ़ार्थ में 6 ही माना गया है - मूलाधार से आज्ञाचक्र - सहस्रार नामक चक्र को गणना से अलग गया है - क्योंकि उसे ब्रह्म/शून्य/परम/समाधि तत्व से चिन्हित किया गया है और वहीँ पर शिव और शक्ति एकाकार हो जाते हैं -!


चूँकि विषय षट योगिनी से सम्बंधित है अस्तु मूल विषय पर आते हुए माँ की कृपा स्वरुप प्राप्त ज्ञान के आधार पर इसकी तालिका प्रस्तुत कर रहा हूँ - किसी भी दोष के लिए मुझ मंदबुद्धि को क्षमा प्रदान करें एवं यदि इसमें किसी सत्य अंश के उपस्थित होने की दशा में मेरी माँ महाकाली को धन्यवाद अवश्य दें -!


१. डाकिनी


वास :- मूलाधार चक्र
मूल शक्ति :- ब्राह्मी
आसन :- चतुर्दल कमल
सहचर :- ब्रह्मदेव
बीज :- लं


२ राकिनी


वास :- स्वाधिष्ठान चक्र
मूल शक्ति :- वैष्णवी
आसन :- छहदल कमल
सहचर :- विष्णु
बीज :- वं


३. लाकिनी


वास :- मणिपुर चक्र
मूल शक्ति :- रौद्री
आसन :- दशदल कमल
सहचर :- रूद्र
बीज :- रं


४. काकिनी


वास :- अनाहत चक्र
मूल शक्ति :- रौद्री
आसन :- द्वादशदल कमल
सहचर :- ईशान रूद्र
बीज :- यं


५. शाकिनी


वास :- विशुद्ध चक्र
मूल शक्ति :- पंचमुखी शक्ति
आसन :- सोलह दल कमल
सहचर :- पंचमुखी सदाशिव
बीज :- हं


६. हाकिनी


वास :- आज्ञा चक्र
मूल शक्ति :- बहुमुखी शक्ति
आसन :- द्विदल कमल
सहचर :- लिंगरूप शिव
बीज :- ॐ

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